जाना जब से है उन्हें, ये जिंदगी बढ़ सी गयी,
दिन हर एक रंगे उन से, दिल में याद उनकी रही
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बोल दें जो बातें गहरी, सोचने ये दिल लगे,
बादल सब जाएँ बिखर, आसान हर मुश्किल लगे.
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चलने लगें राह पर जब, सौ आँखें उन पर रुकें,
हँस दें जब वो खिलखिला, या धीरे से पलकें झुकें
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नज़र मिला अपना बनाएँ, लाखों की वे जान हैं,
गम हो कम जब पास वो हों, खुशियों की पहचान हैं
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दिल वो सुनता है इस दिल की, जाना सा चेहरा भी है,
नाज़ है खुद पर, उनके वक़्त पर, थोडा हक मेरा भी है
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-BhairaviParag
(Note: Wrote & first posted this a year ago, in August2014. Re-posting the same after some time-gap, on the occasion on GuruPoornima today, 31/07/2015.)