Thursday, June 11, 2015

कुछ पल साथ तेरे

मुस्कुरा उठेगी मेरे सामने एक रोज़
तेरी तस्वीर एक सितारा,
चाँद बन कर जगा हूँ...
कुछ पल साथ तेरे बीता पाऊं यारा,
हर दुआ में यही मैं मांगने लगा हूँ

तुझ से फिर मिलने की चाह दिल में है ऐसे
धड़कन के साथ ज़िन्दगी जुड़ी जैसे
हर साँस ऐसी, तेरी खुश्बू से महके
उस एक झलक के सहारे जीने लगा हूँ...
कुछ पल साथ तेरे...

बस एक बार मिल लो, फिर चाहे खो जाना
एक नज़र देख लोगे, संजो लूंगा खज़ाना
गर हाथ मेरा एक पल तुम थाम लोगे
जन्नत के बदले नसीब ऐसा चाहने लगा हूँ...
 कुछ पल साथ तेरे...

उस एक पल में मैं सारी उम्र जी लूँगा
हर गम से नज़ाद पाने तरकीब सीख लूँगा
रूह मेरी जिन आँखों में देखी है मैंने
उन से आँखे मिलाने तरसने लगा हूँ... 
कुछ पल साथ तेरे...

एक आवाज़ दे दो, या इस राह गुज़रो
या फिर भीड़ में ही सुकून बन के संवरो
थकने लगी आँखें, न होतीं अब नम ये
खुली पलकों से सपने मैं देखने लगा हूँ
हर चेहरे में अब तुम्हें ढूँढने लगा हूँ...

कुछ पल साथ तेरे बीता पाऊं यारा
हर दुआ में यही मैं मांगने लगा हूँ। 
 -BhairaviParag

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