Monday, June 02, 2014

भारत चला सिंह की चाल


गए दिन अब संशय के
मन ले दृढ विश्वास
नयी शुरुआतों की ओर
भारत चला सिंह की चाल


कृतज्ञता साहस और निष्ठा
आत्म श्रद्धा की निधि साकार
सहस्त्र शुभ संकल्प लिए
भारत चला सिंह की चाल


वीर धीर नेता को मान्य कर
जनता ने आशीष दिया
विजय तिलक से कर सुशोभित
भारत चला सिंह की चाल


साथ सारे बढ़ेंगे मिलकर
स्नेहबंध से मिलझुल कर
वसुधा कुटुम्ब ही यह वचन देता
भारत चला सिंह की चाल


जगद्जननी दुर्गा, सरस्वती
लक्ष्मी की कृपा रहे अपार
भावपूर्ण आर्त प्रार्थना कर
भारत चला सिंह की चाल


तेज ऐसा झगमग फैला
देखे आज सारा संसार
गौरव पुनःस्थापित करना अब
भारत चला सिंह की चाल


-Bhairavi Parag Ashar

This one came on May26, 2014 , Obvious reason :)




तुम्हारा नाम मुस्कान रखा है


गम हो या ख़ुशी, ख़ूबसूरत है ज़िन्दगी,
सँवर गयी, रब का जैसे साथ मिला है
जब नाम लूँ, एक लहर सी आती है
तुम्हारा नाम मुस्कान रखा है

गम के घेरे में भी एक सुकून की झलक
जैसे तूफ़ान में मुस्काते तिनके की नज़ाकत
या ज्यों आंधियों में रौशन एक दिये की मासूमियत
जब दिखे, लगता है रब ने तेरा जिक्र किया है

न कहूँगी कभी, रूठ मत जाना...
जानती हूँ यह रिश्ता पुराना है ।
होठों पे जब से तुम्हारा नाम सजाया है
सौभाग्य मेरा, हर श्वास पर उत्सव मनाया है ।

-BhairaviParag